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बच्चों को आख़िर पाला कैसे जाए!

 परवरिश: मैं शिक्षक हूँ, मैंने कई माँ-बाप से इस बारे में बात की है, लगभग हर माँ-बाप की समस्या रहती है कि पढ़ाई वगैरह तो ठीक है, पढ़ाई में अच्छे बुरे बच्चे होते हैं मगर बच्चे से जुड़ी हुई छोटी-छोटी बातें अक्सर परेशान करने लगती हैं। बच्चे आपस मे मिलते हैं, उनमे हर प्रकार के बच्चे होते हैं, यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि हर माँ-बाप अपने बच्चों पर अपने मुताबिक ठीक ठाक ध्यान देते हैं उनके हिसाब से वो ठीक ही करते होंगे। किंतु,  दुनिया के लिए जो चश्मा बच्चे पहनते हैं और जो माँ-बाप का चश्मा होता है उसमे ज़मीन आसमान का फर्क होता है। इसी अंतर को सफलतापूर्वक कम करना आवश्यक है, नहीं तो आप पाएँगे की आपने अपने बच्चों को जिस मापदंड से बड़ा किया, उनका तेवर और उनकी पसंद-नापसन्द एकदम अलग और साथ ही विकृत भी है। ऐसा भी हो सकता है कि स्वयं माँ-बाप का मापदंड और नज़रिया सही न हो। क्योंकि छोटी-छोटी बातों का आपके बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात का एहसास पहले तो आपको होना चाहिए, आपको उचित तरीके से अपने बच्चे के भीतर चल रहे विचारों को संवेदनशीलता के साथ समझना होगा, अगर आप छोटी बातों को नजरअंदाज़ कर देते हैं तो मैं मानता